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अपनी भारत यात्रा के दौरान मुझे एक परंपरागत भारतीय शादी में शामिल होने का मौका मिला. ये शादी राजस्थान के एक छोटे से शहर में थी. मेरे लिए ये एक आनंदित करने वाला खूबसूरत पल था. शादी में और लड़कियों जैसे मुझे दुल्हन से भी बात करने का मौका मिला.
ये मां-बाप की मर्जी से होने वाली अरैंज मैरिज थी. साथ ही दुल्हन भी पारंपरिक और रूढ़िवादी ख़्यालात की थी. संगीत कार्यक्रम के बाद मैंने दुल्हन से पूछा कि किसी ने तुम्हें सेक्स के बारे में बताया. मेरी बात सुनकर पहले तो लड़की शर्मायी और फिर उसने नहीं में जवाब दिया.
लड़की का जवाब सुनकर पहले तो मैं चौंक गई कि अगले दिन लड़की की शादी है और किसी ने उसे सेक्स के बारे में नहीं बताया. वहीं शादी के बाद क्या होगा इसको लेकर दुल्हन काफी डरी हुई थी. पहले ये बात मैंने अपने दोस्तों को बताई. मेरे दोस्तों ने कहा कि भारतीय समाज में लोग सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं इसलिए लड़कियों को भी इस बारे ज़्यादा नहीं पता होता.
मेरी दोस्त ने इसी तरह के एक और वाक्ये के बारे में बताया. उसने बताया कि उसकी एक मित्र डॉक्टर है. एक बार उसके यहां एक शादीशुदा जोड़ा आया जिनकी शादी को तीन साल हो चुके थे. वो जोड़ा पिछले तीन साल से गर्भधारण के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन सफल नहीं हो पाया. सारे मेडिकल टेस्ट सही होने के बावजूद वो असहाय था.
कुछ देर की बातचीत के बाद जोड़े ने डॉक्टर को बताया कि उन्हें सेक्स के बारे में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी. जब डॉक्टर ने क्लिनिक आए पुरुष को एक पुतले के सामने खड़ा करके महिला के जननांग के बारे में पूछा तो उसने नाभि की ओर इशारा किया.
इस तरह के कई किस्सों के बारे में मुझे बताया गया. मुझे जानकार हैरानी हुई कि 2000 साल पहले कामसुत्र, तंत्र और सेक्स विज्ञान को लेकर इतनी जानकारी देने वाले भारत की पीढ़ी सेक्स के बारे में नहीं जानती. सभी के बारे में ये नहीं कहा जा सकता लेकिन जो हालात मेरे सामने थे, वो बेहद गंभीर थे.
दुल्हन सहित जितनी लड़कियों से मेरी मुलाकात हुई सभी शादी से पहले बेहद डरी हुईं थी क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि आगे क्या होगा? ये डर उनके आगे के सेक्स संबंधों के लिए ठीक नहीं है. जो उनके आगे आने वाले भविष्य को लेकर चिंता पैदा करता है.
इसके अलावा दूसरी बड़ी समस्या है कि अक्सर युवाओं को सेक्स के बारे में आधी-अधुरी और अधकचरी जानकारी होती है क्योंकि ये जानकारी उन्हें पोर्न के जरिए हासिल होती है.
पोर्न के साथ समस्या है कि उसमें महिला को एक सामान की तरह दिखाया जाता है, जो पुरुष के अधीन होती है. यही छवि युवाओं के मन में महिलाओं के प्रति बन जाती है. जो किसी भी रिश्ते के लिए बेहद घातक है. पोर्न के ज़रिए मिलने वाली जानकारी के चलते उस रिश्ते का आधार नहीं बन पाता है जिसमें दो लोगों की भावना का सम्मान होता है.
स्कूल से भी बच्चे सेक्स के बारे में अपर्याप्त जानकारी हासिल करते हैं जैसा कि हाल ही में यूट्यूब पर वायरल हुए वीडियो में दिखाया गया था. जबकि कइयों को इस बारे में कुछ भी नहीं पता होता. अगर सेक्स के बारे में युवाओं को जानकारी दी जाए तो एड्स और यौन संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है.
इन सभी के समस्याओं के मद्देनज़र हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने सेक्स शिक्षा पर बैन लगाने की बात कही है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री के बयान से देश का एक बड़ा तबका भी सहमत है जिसे लगता है यदि बच्चों को सेक्स शिक्षा दी जाएगी तो इसके भारतीय संस्कृति पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा. बच्चे सेक्स की ओर ज़्यादा आकर्षित होंगे.
फिलहाल भारत के लोगों को सेक्स शिक्षा दिए जाने की बेहद ज़रूरत है. जो उनके आगे बनने वाले रिश्तों को और मज़बूती देगी. इसके साथ ही पोर्न के ज़रिए मिलने वाली जानकारी से अलग वो रिश्तों की अहमियत और भावनाओं के सम्मान को समझने में सक्षम बनेंगे.
जेन का इंडिया अफेयरः पार्ट 7
बाइस बरस की जेन वॉन रबेनू जर्मनी के आधुनिक शहर फ्रैंकफर्ट में पली-बढ़ी. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से फिलॉसफी और इकनॉमिक्स की पढ़ाई की है. वो भारत और दुनिया के कई हिस्सों की सैर कर चुकी हैं. जेन (जिन्हें याना पुकारा जाता है) हर हफ्ते भारत पर ब्लॉग लिखेंगी. वही भारत, जिससे उन्हें प्यार हो गया है. उनका पहला ब्लॉग 'इंडिया एंड ए ब्लॉन्ड टूरिस्ट' बेहद पसंद किया गया था.
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